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Aachar Sanhita kya hoti hai hindi

चुनाव जाब्ता Rules | Aachar Sanhita kya hoti hai hindi

क्या है इस पोस्ट में ?

Achar Sanhita rules in hindi :- जैसा कि आप लोग जानते हैं कि भारत में आगामी दिनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में उन सभी राज्यों में आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा लगाई जा सकती है अब बहुत लोगों के मन में सवाल तो आता ही होगा कि आखिर यह आचार संहिता होता क्या है और यह चुनाव के समय राज्य में क्यों लगाया जाता है इसके पीछे कारण क्या है आचार संहिता का काम करने का तरीका क्या होता है अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आखरी तक जरूर पढ़े और मैं आपको एक बात बता दूं कि Aachar Sanhita kya hoti hai hindi , Aachar Sanhita rules in hindi kya hai आदि के बारे में पूरा बताएगे ।

आचार संहिता क्या होती है- Aachar Sanhita kya hoti hai hindi

आचार संहिता चुनाव आयोग के द्वारा राज्य में जब भी चुनाव होते हैं उसके अंतर्गत लगाया जाने वाला एक दिशा निर्देश है जिसके मुताबिक राजनीतिक दल नेताओं को उसके अंतर्गत काम करने की इजाजत चुनाव के द्वारा प्रदान की जाती है इस प्रकार के धारा का चुनाव के समय राज्य में लागू की जाने का प्रमुख उद्देश्य राज्य की कानून व्यवस्था को ठीक ठाक रखना और चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो इस बात को भी सुनिश्चित करना I

आचार संहिता कब से लागू होती है? Aachar Sanhita Time

चुनाव संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। देश में लोकसभा के चुनाव हर पांच साल पर होते हैं। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं। चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती

आचार संहिता कब तक लगी रहेगी?

चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक चुनाव संहिता लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है I

Aachar Sanhita Rules in Hindi
Aachar Sanhita Rules in Hindi

आचार संहिता के मुख्य नियम क्या है- Aachar Sanhita Main Rules

  • जब किसी भी राज्य में आचार संहिता लग जाएगा तो उस राज्य में सर्वजनिक धन का प्रयोग कोई भी पार्टी या नेता या सरकार नहीं कर सकती है ताकि किसी भी पार्टी या नेता को चुनावी लाभ ना मिल सके I
  • नेता या पार्टी किसी भी सरकारी वाहन का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकती है I
  • जो भी पार्टी सरकार में होती है वह आचार संहिता के लागू हो जाने के बाद राज्य में किसी प्रकार का भी सरकारी घोषणा या भवन लोकार्पण, शिलान्यास पर ऐसी गतिविधियां नहीं कर सकती है I
  • आचार संहिता लग जाने के बाद राज्य में अगर कोई भी राजनीतिक दल या नेता रैली करना चाहता है तो उसके लिए उसे पुलिस की अनुमति लेना आवश्यक होगा I
  • नेता या राजनीतिक दल को आचार संहिता जब राज्य में लग जाती है तो उसे धर्म के नाम पर वोट मांगने की इजाजत नहीं होती है अगर ऐसा कोई करते हुए कोई नेता पाया जाता है तो उस पर चुनाव और लोग करवाई कर सकता है I
  • इस दौरान सरकारी खर्च से किसी भी प्रकार का ऐसा आयोजन नहीं किया जाता है जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ प्राप्त हो सके | राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक (Observer) नियुक्त करता है I
  • आचार संहिता के दौरान कोई भी नेता या राजनीतिक दल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ या धर्म के खिलाफ कोई ऐसा शब्द नहीं बोल सकता है जिससे किसी भी धर्म या विशेष व्यक्ति की भावना को ठेस पहुंचे अगर ऐसा करते हुए कोई नेता पाया जाता है तो उसके ऊपर चुनाव आयोग सीधी कार्रवाई कर सकता है I

आचार संहिता के अंतर्गत मतदान संबंधी नियम – Aachar Sanhita Voting Rules

  • अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र देंमतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो
  • Vote के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब जैसी चीजें आप वोटर को नहीं दे सकते हैं
  • मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएंकैम्प साधारण होने चाहिए
  • मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट अवश्य प्राप्त कर

आचार संहिता के अंतर्गत चुनाव रैली करने के नियम क्या है-

  • हर कोई भी पार्टी या नेता राजनीतिक रैली करना चाहता है उस राज्य में है तो उसकी जानकारी उसे सबसे पहले पुलिस को देनी होगी तभी जाकर उसे राजनीतिक रैली करने की इजाजत मिल पाएगी I
  • रैली का आयोजन ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो
  • राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से रैली निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले -बात कर लें
  • रैली सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए
  • रैली में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग हो सके I

सभाएं करने के नियम क्या है-

  • दल या अभ्यर्थी स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को किसी भी प्रस्तावित सभा के स्थल और समय के बारे में काफी पहले से सूचित करेंगे ताकि पुलिस यातायात को नियंत्रित करने और शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर सके।
  • दल या अभ्यर्थी अग्रिम रूप से सुनिश्चित करेगा कि क्‍या सभा के लिए प्रस्तावित स्थल पर कोई रोक या निषेधाज्ञा लागू तो नहीं है और यदि ऐसे आदेश मौजूद हैं, तो उनका कड़ाई से पालन किया जाएगा। यदि ऐसे आदेशों से किसी रियायत की आवश्यकता हो, तो अग्रिम रूप से इसके लिए आवेदन किया जाएगा और प्राप्त किया जाएगा।
  • यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउडस्पीकरों या किसी अन्य सुविधा के उपयोग के लिए अनुमति या अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो दल या अभ्यर्थी अग्रिम रूप से संबंधित प्राधिकरण के समक्ष आवेदन करेगा और यह अनुमति या अनुज्ञा प्राप्त करेगा।
  • सभा के आयोजक सभा में बाधा खड़ी करने वाले या अन्यथा अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की निरपवाद रूप से सहायता प्राप्त करेगा। स्‍वयं आयोजक ऐसे व्‍यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करेंगे।

सत्ताधारी दल के लिए नियम – Aachar Sanhita Rules for Power Party

  • मंत्री आधिकारिक यात्राओं के दौरान चुनावी प्रचार नहीं कर सकते हैं।
  • इस काम में मशीनरी और सरकारी कर्मचारियों का प्रयोग न करें।
  • पार्टी के हितों को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी विमानों और वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
  • हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।
  • आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के समय से, मंत्री और अन्य प्रधिकारी –
(क)    किसी भी रूप में कोई वित्तीय अनुदान या इससे संबंधित प्रतिज्ञाओं की घोषणा नहीं करेंगे
(ख)   किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं का शिलान्यास इत्यादि नहीं रखेंगे (सरकारी कर्मचारियों के अलावा)
(ग)   सड़कों के निर्माण, पेय जल की सुविधाओं के प्रावधान इत्यादि का कोई वचन नहीं देंगे    
(घ)   सरकारी, सार्वजनिक उपक्रमों इत्यादि में कोई तदर्थ नियुक्ति नहीं करेंगे जिससे मतदाताओं पर सत्ताधारी दल के पक्ष में प्रभाव पड़ता हो।

Aachar sanhita rules for public

  • आचार संहिता लागू होने के बाद यदि आपके पास बंदूक है तो आपको उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन में जमा करा देना चाहिए अन्यथा ऐसा करने के लिए आपको जेल जाना पड़ सकता है।
  • आचार संहिता के दौरान अगर आप गुप्त रूप से हथियार अपने पास रखते हैं और उनके बारे में जानकारी मिलने पर भी आपको जेल जाना पड़ सकता है।
  • सोशल मीडिया पर चुनाव से जुड़ी बातें पोस्ट करने पर आपको जेल हो सकती है.
  • व्हाट्सएप का उपयोग करके किसी विशेष राजनीतिक दल को वोट देने के लिए प्रेरित करने पर उन्हें कारावास की सजा हो सकती है।

Aachar sanhita rules for govt employees

  • आचार संहिता के दौरान, कोई भी पुलिस अधिकारी या सरकारी अधिकारी किसी भी केंद्रीय या राज्य मंत्री, या संबंधित क्षेत्र या राज्य के किसी भी अधिकारी को किसी आधिकारिक बहस के लिए नहीं बुलाएगा।
  • संबंधित विभाग या प्रधान मंत्री के लिए जिम्मेदार कोई भी मंत्री किसी निर्वाचन क्षेत्र का आधिकारिक दौरा तभी कर सकता है जब कोई आपात स्थिति हो। उदाहरण के लिए, कहीं प्राकृतिक आपदा आ सकती है।
  • ऐसे में मंत्री और पुलिस अधिकारी दोनों संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में जा सकते हैं।
  • वहां की लोक व्यवस्था में खराबी होने पर भी मंत्री और अधिकारी वहां जा सकते हैं। लोगों को मनाने के अलावा आप स्थिति को नियंत्रित करने का काम करेंगे।

आचार संहिता के प्रमुख विशेषताएं क्या हैं-

  • आचार संहिता में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के सामान्य आचरण के लिये दिशा-निर्देश दिये गए हैं।
  • सबसे पहले तो आदर्श आचार संहिता लागू होते ही राज्य सरकारों और प्रशासन पर कई तरह के अंकुश लग जाते हैं।
  • सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के तहत आ जाते हैं।
  • आदर्श आचार संहिता में रूलिंग पार्टी के लिये कुछ खास गाइडलाइंस दी गई हैं। इनमें सरकारी मशीनरी और सुविधाओं का उपयोग चुनाव के लिये न करने और मंत्रियों तथा अन्य अधिकारियों द्वारा अनुदानों, नई योजनाओं आदि का ऐलान करने की मनाही है।
  • मंत्रियों तथा सरकारी पदों पर तैनात लोगों को सरकारी दौरे में चुनाव प्रचार करने की इजाजत भी नहीं होती।
  • सरकारी पैसे का इस्तेमाल कर विज्ञापन जारी नहीं किये जा सकते हैं। इनके अलावा चुनाव प्रचार के दौरान किसी की प्राइवेट लाइफ का ज़िक्र करने और सांप्रदायिक भावनाएँ भड़काने वाली कोई अपील करने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
  • यदि कोई सरकारी अधिकारी या पुलिस अधिकारी किसी राजनीतिक दल का पक्ष लेता है तो चुनाव आयोग को उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। इसके अलावा चुनाव सभाओं में अनुशासन और शिष्टाचार कायम रखने तथा जुलूस निकालने के लिये भी गाइडलाइंस बनाई गई हैं।
  • किसी उम्मीदवार या पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिये चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ती है और इसकी जानकारी निकटतम थाने में देनी होती है।
  • हैलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, सरकारी बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस जैसी सार्वजनिक जगहों पर कुछ उम्मीदवारों का कब्ज़ा नहीं होना चाहिये। इन्हें सभी उम्मीदवारों को समान रूप से मुहैया कराना चाहिये।
  • इन सारी कवायदों का मकसद सत्ता के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाकर सभी उम्मीदवारों को बराबरी का मौका देना है।

कैश की लिमिटcash carry limit during aachar sanhita in hindi

50000 रुपये से कम नकदी साथ लेकर चल रहे हैं तो आपको किसी तरह के डॉक्यूमेंट साथ रखने की जरूरत नहीं है लेकिन 50000 से ज्यादा कैश साथ लेकर चलने के लिए 3 डॉक्यूमेंट साथ में होने जरूरी हैं.

कौन से दस्तावेज चाहिए
1. आईडी कार्ड: कैश को लेकर जा रहे व्यक्ति को अपना पहचान पत्र या आईडी कार्ड साथ रखना चाहिए और पैसे के लेनदेन से उसके संबंध का प्रूफ साथ होना चाहिए. 
2. कैश विड्राल का प्रूफ – बैंक से कैश विड्रॉल की पर्ची या मैसेज. यानी ये साबित करने वाला प्रूफ ताकि साबित हो सके कि कैश कहां से आया है.
3. एंड यूज का प्रूफ – पैसा जहां भेजा या ले जाया जा रहा है, उसका प्रूफ होना चाहिए ताकि ये साबित हो सके कि ये कैश किसे दिया जाएगा. 

पहले आचार संहिता का पालन कब किया गया था

1960 केरल विधानसभा में पहली बार आचार संहिता का पालन किया गया था उसके बाद 1962 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद आचार संहिता का निर्माण किया तब से अब तक इसका पालन सभी लोकसभा और विधानसभा सभा चुनाव में किया जाता है I Aachar Sanhita kya hoti hai hindi

चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर जाना पड़ सकता है जेल

  • यदि कोई उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो उसे चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
  • उल्लंघन करने पर प्रत्याशी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है, इतना ही नहीं, जेल जाने का प्रावधान भी है। 

सवाल- जवाब (FAQ)

चुनाव जाब्ता क्या होता है ? Aachar Sanhita kya hoti hai hindi

चुनाव आयोग देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुछ नियम निर्धारित करता है। चुनाव आयोग के नियमों को आचार संहिता कहा जाता है। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेताओं और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है।

आचार संहिता कब लागू होती है?

चुनाव की तारीख की घोषणा करते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। देश में हर पांच साल में लोकसभा चुनाव होते हैं। राज्य विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। चुनाव आयोग द्वारा चुनावी कैलेंडर की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।

क्या अभियान संबंधी कार्य के लिए सरकारी गाड़ी का प्रयोग किया जा सकता है?

किसी भी पार्टी या उम्मीदवार के लाभ के लिए विमान, वाहन आदि सहित किसी भी सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या सरकार चुनावी कार्य के संबंध में वाहकों को प्रेषण और डाक भेज सकती है?

चुनाव के संचालन से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों/अधिकारियों के स्थानांतरण और प्रकाशन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि अधिकारी का स्थानांतरण या आशय आवश्यक समझा जाता है, तो आयोग से पूर्व अनुमति आवश्यक होगी।

जिस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव हो रहे हैं, क्या कोई अधिकारी मंत्री के निजी दौरे के दौरान उनसे मिल सकता है?

कोई भी अधिकारी जो किसी मंत्री के चैंबर में अपनी व्यक्तिगत यात्रा के दौरान मिलता है, वह सेवा के प्रासंगिक मानकों के तहत कदाचार का दोषी होगा और यदि किसी अधिकारी का उल्लेख लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 (1) में किया गया है, तो वह अधीन होगा उस धारा के वैधानिक प्रावधानों के अनुसार, उसे एक अपराध का भी दोषी माना जाएगा

क्या राजनीतिक कार्यकर्ताओं के आवास पर “नाश्ते की पार्टी” या इसी तरह की कोई अन्य पार्टी आयोजित की जा सकती है जिसका खर्च सरकार के कोष से किया जाएगा?

नहीं। हालांकि, कोई भी व्यक्ति इस तरह की पार्टी को अपनी व्यक्तिगत क्षमता और अपने निजी आवास पर आयोजित करने के लिए स्वतंत्र है।
क्या सत्ताधारी दल की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सरकारी खजाने की उपलब्धियों की घोषणाएं जारी करने पर प्रतिबंध हैं?
हां। चुनाव अवधि के दौरान सरकारी धन की कीमत पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पार्टी की उपलब्धियों का विज्ञापन और जनसंपर्क मीडिया का दुरुपयोग प्रतिबंधित है।

क्या शराब के ठेके, टिनो बार और इसी तरह के अन्य मामलों के संबंध में नीलामियों आदि को संसाधित किया जा सकता है?

नहीं, ऐसे मामलों से संबंधित प्रक्रियाओं को संबंधित जिले में चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक के लिए स्थगित किया जा सकता है और सरकार अपरिहार्य रूप से आवश्यक होने पर अस्थायी व्यवस्था कर सकती है।

क्या चुनाव प्रचार में धार्मिक स्थलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है?

हां। मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे या अन्य पूजा स्थलों जैसे धार्मिक स्थलों को प्रचार मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। साथ ही वर्ग या सामाजिक भावनाओं के आधार पर वोट हासिल करने की अपील नहीं की जाएगी।

क्‍या कोई अभ्‍यर्थी जुलस के साथ अपना नाम-निर्देशन पत्र भरने के लिए रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय जा सकता है ?

नहीं, टेलर के कार्यालय के आसपास वाहनों की अधिकतम संख्या तीन तक सीमित है और टेलर के कार्यालय में प्रवेश करने वाले लोगों की अधिकतम संख्या पांच (उम्मीदवारों सहित) तक सीमित है।

क्या जनसभा या जुलूस निकालने पर प्रतिबंध है?

किसी भी सार्वजनिक या निजी स्थान पर सभा और जुलूस निकालने के लिए उपयुक्त पुलिस अधिकारियों से पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त की जानी चाहिए।

क्या स्पीकर का उपयोग करने की कोई समय सीमा है?

रात 10.00 बजे से प्रात: 6.00 बजे के बीच लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

वह समय सीमा क्या है जिसके बाद कोई जनसभा या जुलूस नहीं निकाला जा सकता है?

पूर्ण सत्र सुबह 6:00 बजे से पहले और रात 10:00 बजे के बाद आयोजित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, मतदान समाप्त होने के समय में समाप्त होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान उम्मीदवार सार्वजनिक बैठकें और जुलूस नहीं निकाल सकते हैं। मान लें कि मतदान का दिन 15 जुलाई है और मतदान का समय सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक है, तो आम सभा और जुलूस 13 जुलाई को शाम 5:00 बजे शुरू होना बंद हो जाएगा।

क्या आचार संहिता में कार पर बैनर लगाने की अनुमति है?

विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक में डीएम ने कहा कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशानुसार रोड शो के दौरान वाहन पर मात्र एक झंडा ही लगाना होगा। उस झंडे का साइज 3 गुणे 2 फिट होगा। चुनाव प्रचार वाहन पर किसी भी प्रकार का स्टीकर व बैनर नहीं लगेगा। उम्मीदवार के आवास व पार्टी कार्यालय पर लगने वाले बैनर का साइज 4 गुणे 8 फिट का ही होगा। रोड शो के दौरान झंडे में लगने वाले डंडे का साइज तीन फिट होगा। तीन पहिया व चार पहिया वाहन पर किसी भी प्रकार के स्टीकर व बैनर लगाने की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ मध्यम आकार के 3 गुणे 2 फिट का एक झंडा ही लगाया जा सकेगा।

क्या ग्राम प्रधान चुनाव में आचार संहिता जरूरी है?

हाँ

What is aachar sanhita called in Bengali?

আদর্শ আচরণবিধি ( Ādarśa ācaraṇabidhi)

निष्कर्ष

हम आशा करते है के अब आपको चुनाव जाब्ता क्या होता है ? Aachar Sanhita kya hoti hai hindi ? आचार संहिता में किस के लिए क्या क्या कानून है ? Chunav jabta me रैली और जलूस निकलने के क्या नियम है । मतदाताओं के लिए aachar sahita ke rules kya kya hai ? आप उमीदवार हो , मतदाता हो सभी के लिए आचार संहिता के कुछ रूल्स होते है तो जब कभी भी aachar sanhita की बात हो तो आपको पता होना चाहिए के क्या रूल है । आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ अपडेट रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है या हमको Bell आइकॉन पर click करके सब्सक्राइब कर सकते है ।

धन्यावाद।

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