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7 Types of Companies in India in Hindi

7 Types of Companies in India in Hindi | जाने सभी प्रकार की कंपनी

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हेलो दोस्तों , आज कल इंडिया में Startup का जमाना है। बहुत से स्टार्टअप आ रहे है । बहुत से successfull भी हो रहे है । जिसके चले नौजवानो के मन में भी बहुत बार सवाल आता है के हम भी आपने Business open करे ? पर कोई भी ऐसा काम करने के लिए आपको company bnana hota है ? अगर कंपनी बना रहे है तो रजिस्टर करना भी जरूरी हो जाता है । पर पर किसी कंपनी को रजिस्टर करने से पहले आपको यह पता होना चाहिए के कौन से काम के लिए कौन सी कंपनी बनती है । जा फिर आप जो company register krna chahte है वह किस केटेगरी में आती है । 7 Types of Companies in India in Hindi आदि के बारे में इस आर्टिकल में पूरी जानकारी देने जा रहे है ।

कंपनियों के विभिन्न आकार क्या हैं?

  • Micro-enterprise: 1 to 9 employees.
  • Small enterprises: 10 to 49 employees.
  • Medium-sized enterprises: 50 to 249 employees.
  • Large enterprises: 250 employees or more.

7 Types of Companies in India in Hindi

  1. स्वामित्व वाली कम्पनियां – Proprietorship Company
  2. वन पर्सन कंपनी – One Person Company
  3. साझेदारी बिजनेस – Partnership Company
  4.  Private Limited Company
  5.  Public Limited Company
  6. लिमिटेड पार्टनरशिप कंपनी – Limited Liability Partnership (LLP)
  7. सहकारी समितियाँ Co-operative society

स्वामित्व वाली कम्पनियां – Proprietorship Company

इस प्रकार की स्वामित्व वाली कम्पनियां में, एक व्यक्ति पूरे company का मालिक होता है। इस प्रकार के Proprietorship Company में कोई और भागीदार नहीं होता । किसी एक व्यक्ति के नाम में यह कंपनी रजिस्टर होती है । इस प्रकार की कंपनी निचे दिए तीनो तरिके से किसी एक तरिके से रजिस्टर कर सकते है :-

  1. Register under the Shop and Establishment Act.
  2. Get a Udyog Aadhaar under the Ministry of MSME.
  3. Get a GST registration.
  • व्यवसाय चलाने के लिए वही पूंजी का निवेश करता है ।
  • श्रम, मशीनरी आदि की खरीद के लिए भी वही स्वामी जिम्मेदार होता है।
  • अचल संपत्ति में, व्यवसाय से संबंधित सभी निर्णय एक व्यक्ति द्वारा किए जाते हैं।
  • इसलिए, वह खुद भी फायदे और नुकसान में शामिल है।

वन पर्सन कंपनी – One Person Company

यह One Person Company Act 2013 में introduced किया गया था। यदि Owner औऱ Promoter एक ही है तो Company register करने के लिए यह एक अच्छा option है | OPC से उसका काम और Corporate framework का भाग बनने में मदद करती है |

  • यह Business Entities किसी व्यक्तिगत व्यक्ति को कम से कम लायबिलिटी के साथ अपनी कंपनी का संचालन करने में समर्थ बनाती है
  • वन पर्सन कंपनी की सबसे बड़ी विशेषता यह है की, इसमें व्यक्ति को एक अलग और उसकी कंपनी को एक अलग आर्टिफीसियल व्यक्ति के रूप में देखा जाता है , जिससे व्यक्तिगत व्यक्ति की लायबिलिटी कम हो जाती हैं |  

साझेदारी बिजनेस – Partnership Company

जब किसी कंपनी में एक से ज्यादा दो या अधिक पार्टनर होते हो तो इसको Partnership Company कहा जाता है ।

  • इस प्रकार की पार्टनरशिप कंपनी Indian Partnership Act 1932 के अंतर्गत रजिस्टर किया जाता है ।
  • सभी साझेदारों के द्वारा लिखित तौर पर एक Partnership Deed हस्ताक्षर की जाती है जिसमे उनके हिस्से का शेयर लिखा जाता है ।
  • Partnership deed में लिखित शर्तों एवं नियमो के अनुसार ही Partners द्वारा business चलाया जाता है।
  • कंपनी के Profit Loss में सभी पार्टनर आपने शेयर मुताबिक भागीदार होते है।

 Private Limited Company

Private limited company में 2 या अधिक से अधिक 15 पार्टनर्स हो सकते है । जिसने Company Directors कहते है । यदि Share Holders की बात करें तो कम से कम 2 और अधिक से अधिक 200 share holders हो सकते हैं।

  • इस प्रकार की कंपनी Companies Act 1956 के अंतर्गत रजिस्टर करना होता है
  • Private Limited Company में कंपनी का एक Memorandum & articles of association बनाया जाता है ,जिसमे संगठन के सारे कार्यक्षेत्रों के प्रति नियम एवं शर्तें वर्णित होती हैं | और इसके आधार पर ही कंपनी का संचालन किया जाता है
  • उदाहरण के लिए आई टी कम्पनीज

Public Limited Company

एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में कम से कम 7 शेयरधारक और कम से कम 3 निदेशक होना आवश्यक है। इसके एक अलग क़ानूनी अस्तित्व होता है और इसमें सभी members की libility केवल उनके share जितनी ही होती है।

  • पीएलसी भी कंपनी अधिनियम 1956 के तहत कंपनी रजिस्ट्रार के साथ पंजीकृत होती हैं।
  • इन कंपनियों को अपना व्यवसाय शुरू करने से पहले Trading Certificate प्राप्त करना होगा।
  • किसी भी प्रशासनिक नियुक्तियों और नियमित बैठकों के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक है।
  • इसके अलावा ज्वाइंट स्टॉक कंपनी अपने शेयर बेचने के लिए बाजार में ऐलान कर सकती है।

लिमिटेड पार्टनरशिप कंपनी – Limited Liability Partnership (LLP)

Limited Liability Partnership (LLP) उद्यमियों के बीच संगठन का एक पसंदीदा रूप बन गया है क्योंकि यह साझेदारी फर्म और कंपनी दोनों के लाभों को एक ही संगठन में शामिल करता है। लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) की अवधारणा को भारत में 2008 में पेश किया गया था। एलएलपी में पार्टनरशिप फर्म और कंपनी दोनों की विशेषताएं होती हैं। The Limited liability Partnership Act, 2008 भारत में एलएलपी को नियंत्रित करता है।

  • एलएलपी को शामिल करने के लिए न्यूनतम दो भागीदारों की आवश्यकता होती है।
  • एलएलपी के भागीदारों की अधिकतम संख्या की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
  • भागीदारों के बीच, कम से कम दो नामित भागीदार होने चाहिए जो व्यक्ति होंगे, और उनमें से कम से कम एक भारत में निवासी होना चाहिए।
  • नामित भागीदारों के अधिकार और कर्तव्य एलएलपी समझौते द्वारा नियंत्रित होते हैं। वे LLP Act, 2008 के सभी प्रावधानों और एलएलपी समझौते में निर्दिष्ट प्रावधानों के अनुपालन के लिए सीधे जिम्मेदार हैं।
  • यदि किसी Partner द्वारा कोई अनाधिकृत निर्णय लिया जाता है, तो अन्य पार्टनर इसके परिणामो के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे

सहकारी समितियाँ Co-operative society

Co-operative society को हिन्दी में सहकारी समिति कहा जाता है। सहकारी समितियां State Co-operative society act 2002 के तहत राज्य सहकारी प्रशासन के साथ पंजीकृत होती हैं। इस प्रकार के संगठन में कम से कम 10 सदस्य हो सकते हैं।

  • समिति का संचालन Memorandum & articles of association में लिखित शर्तों, नियमों एवं कार्यक्षेत्र के आधार पर ही किया जाता है
  • उदाहरण के तौर पर सहकारी कोआपरेटिव बैंक्स
Company-Quotes-in-hindi
Company Quotes in Hindi

Difference between All type companies

Business structureCompany ActOwnershipLiability
Sole proprietorshipMSME or
GST
एक व्यक्तिअसीमित व्यक्तिगत दायित्व
One Person CompanyOne Person Company Act 2013एक व्यक्तिकेवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी
PartnershipsIndian Partnership Act 1932दो या दो से अधिक लोगअसीमित व्यक्तिगत दायित्व जब तक कि एक सीमित भागीदारी के रूप में संरचित न हो
Private CompanyCompanies Act 19562 या अधिक से अधिक 15 पार्टनर्ससभी कंपनी डायरेक्टर्स
Public CompanyCompanies Act 1956कम से कम 7 शेयरधारक और कम से कम 3 निदेशककिसी भी प्रशासनिक नियुक्तियों और नियमित बैठकों के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक
Limited liability company (LLC)The Limited liability Partnership Act, 2008एक या एक से अधिक लोगमालिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी नहीं हैं
Corporation – C State Co-operative society act 2002एक या एक से अधिक लोगमालिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी नहीं हैं
Types of Companies | Classification of Companies

सवाल जवाब (FAQ)

आप किसी कंपनी को कैसे वर्गीकृत करते हैं?

आप व्यवसायों को तीन बुनियादी श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं: Service companies, retailers, and manufacturers। चूंकि कंपनियां अपने ग्राहकों को कई अलग-अलग सेवाएं और उत्पाद प्रदान करती हैं, इसलिए कुछ कंपनियां इनमें से एक से अधिक श्रेणियों में फिट होती हैं।

भारत में कितने प्रकार की कंपनियां हैं?
भारतीय कानून के तहत मान्यता प्राप्त 7 प्रकार की संस्थाएं हैं :-

1. Sole Proprietorship
2. One-Person Companies
3. Partnership
4. Limited Liability Partnership
5. Private Limited Companies
6. Public Limited Companies
7. Co-operative society

भारत में नंबर 1 कंपनी कौन सी है?

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड

एक मध्यम आकार की कंपनी क्या है?

Small And Midsize Business (SMB)
सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली विशेषता कर्मचारियों की संख्या है, छोटे व्यवसायों को आमतौर पर 100 से कम कर्मचारियों वाले संगठनों के रूप में परिभाषित किया जाता है; मध्यम आकार के उद्यम वे संगठन हैं जिनमें 100 से 999 कर्मचारी होते हैं।

आप एक नई कंपनी को क्या कहते हैं?

एक Startup or Start-up एक उद्यमी द्वारा एक स्केलेबल बिजनेस मॉडल की तलाश, विकास और सत्यापन के लिए शुरू की गई एक कंपनी या परियोजना है।

दुनिया की सबसे अमीर कंपनी कौन सी है?

इस साल स्टॉक की 30% की वृद्धि ने इसके मार्केट कैप में $659.8 बिलियन जोड़ा। लगभग 400 बिलियन डॉलर के साथ Apple दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है।

निष्कर्ष

हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको 7 Types of Companies in India in Hindi , कौन सा बिज़नेस किस केटेगरी के अंडर आता है । कौन सी कंपनी रजिस्टर करने के लिए कौन सा कानून है ? कौन कौन सी प्रकार की Company होती है ? types of companies in india with examples आदि के बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा । आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमरे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है। धन्यावाद।

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