क्या है इस पोस्ट में ?
MLA Election , MP Election , Pardhanmantri Election , Mukhmantri Election , सांसद किसे कहते है ? विधायक किसे कहते है ? क्या अंतर् है सांसद और विधायक में | MLA Powers , MP Powers | Sansad aur Vidhayak mein Antar | MP vs MLA Difference
हेलो दोस्तों, जैसा कि आप लोग जानते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां पर सरकारों का गठन जनता के द्वारा होता है। भारत में सरकार दो तरह की होती है पहली राज्य सरकार और दूसरी केंद्र सरकार। राज्य सरकार का गठन करने के लिए विधायकों की जरूरत पड़ती है और केंद्र सरकार का गठन करने के लिए सांसद का जरूरत पड़ता है। दोनों की प्रणाली अलग अलग है एक राज्य स्तर पर और दूसरा केंद्र स्तर पर काम करता है। ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल जरूर आता होगा कि आखिर में सांसद और विधायक होते क्या है? और दोनों के बीच में क्या अंतर है? इसके अलावा संविधान के द्वारा उन्हें किस प्रकार के अधिकार दिए गए हैं? अगर आप इसे बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि पोस्ट को आखिर तक पढ़े –
विधायक के चुनाव में जिस पार्टी से सबसे ज्यादा विधायक जीतते है उसी का मुख्यमंत्री बनता है। संसद में जिस पार्टी के अधिक सांसद मौजूद होते हैं उसी पार्टी का प्रधानमंत्री चुना जाता है।
सांसद क्या होता है- Sansad Kaun Hota hai
सांसद को भारत के लोकसभा का मेंबर कहा जाता है इसका चयन जनता के द्वारा लोकसभा चुनाव में वोटों के माध्यम से किया जाता है। इसे इंग्लिश में MP कहा जाता है इसका पूरा नाम Member of Parliament होता है। एक सांसद की शक्ति पूरे देश में होती है और वह जिस भी क्षेत्र का सांसद होता है उसकी सभी समस्याओं को भारत के संसद में उठाना उस का प्रमुख कार्य होता है। इसके अलावा अगर संसद में देश से जुड़ा हुआ कोई भी मुदा हो MP ही पार्लियामेंट में लाता है। तो उस पर वह अपने विचार रख सकता है और उसका विरोध भी कर सकता है।
सांसद(MP) हमेशा संसद का सदस्य होता है जिसे हम पार्लियामेंट भी कहते हैं जो तीन भाग में बटा होता है, पहला राष्ट्रपति, दूसरा राज्यसभा और तीसरा लोकसभा। लेकिन यदि बात संसद या पार्लियामेंट की जाये तो वो पुरे देश की एक मानी जाती है। विधायक(MLA) विधानसभा का सदस्य होता है और विधानसभा हर राज्य की अलग अलग होती है। वर्तमान में 245 सांसदों की अनुमति है । जिसमे से 233 देश के अलग अलग राजय और केंदर शासित परदेशो से चुन के आते है । अन्य 12 को राष्ट्रपति के दुवारा सेलेक्ट किया जाता है।
सांसद को प्राप्त विशेष अधिकार क्या है – MP’s Powers
भारतीय संविधान में सांसद को 2 प्रकार के विशेषाधिकार प्रदान किए हैं जिसका विवरण में आपको नीचे बिंदु अनुसार दूंगा जो इस प्रकार है
व्यक्तिगत विशेषाधिकार – MP Personal privilege
- अनुच्छेद 19 (1)(A) से भिन्न तथा व्यापक है इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति बोलने का अधिकार नहीं है लेकिन इस अनुच्छेद के मुताबिक सांसदों को बोलने का अधिकार है इसके अलावा उन्होंने जो भी बयान संसद में दिया है उसे आप कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते हैं।
- जब संसद का अधिवेशन चल रहा और अगर कोर्ट में किसी केस में किसी सांसद को गवाही के तौर पर पेश होना है तो वह उस समय कोर्ट में पेश नहीं हो सकता है और ना ही कोर्ट संसद के कार्रवाई में किसी प्रकार की दखलअंदाजी कर सकती है।
- संसद के अधिवेशन प्रारंभ होने के 40 दिन के पूर्व और समाप्त होने के 40 दिन के बाद तक किसी भी सांसद को दीवानी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता किंतु आपराधिक मामले में निवारक निरोध की विधि के अधीन गिरफ्तारी हो सकती है।
- संविधान के अनुच्छेद 105 (4) के तहत जिन -एटॉर्नी जनरल को संसद में बोलने का अधिकार प्राप्त है इसके अलावा वह संसद के किसी भी कार्रवाई में भाग ले सकता है क्योंकि संविधान के द्वारा उसे अधिकार प्राप्त हैं।
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सामूहिक विशेषाधिकार – MP Collective Privileges
- सदन में पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना सांसद को बंदी या कानूनी रूप से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
- किसी न्यायालय को सदन या इसकी किसी समिति की कार्यवाही की जाँच करने का अधिकार नहीं है।
- संसद अपनी कार्यवाही से अतिथियों को बाहर कर सकती है और राष्ट्रहित के कुछ मामलों में गुप्त बैठक भी कर सकती है।
- ससंद के दोनों सदनों के विशेषाधिकारों के उल्लंघन, सदन का अनादर करने के मामले में संसद सदस्य और बाहरी लोगों को चेतावनी और दंड भी दिया जा सकता है। यदि व्यक्ति सदन का सदस्य है तो उसे सदन से बर्खास्त भी किया का सकता है।
विधायक क्या होता है – Vidhayak Kya hota hai
राज्य स्तर में सरकार बनाने के लिए विधायकों की जरूरत पड़ती है और विधायकों का चयन जनता के द्वारा विधानसभा चुनाव में किया जाता है। और जो प्रतिनिधि चुनकर आते हैं उसे हम लोग विधायक कहते हैं जिसे अंग्रेजी में MLA कहा जाता है I इसका पूरा नाम Members of Legislative Assembly है। इसकी शक्तियां राज्य स्तर पर ही निर्मित होती है विधायक अपने क्षेत्र के सभी समस्याओं को विधानसभा में उठाता है और अपने क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करता है।
MLA को प्राप्त विशेषाधिकार – MLA Privileges
- विधायक के मुख्य रूप से अपने क्षेत्र के विकास के लिए योजना का निर्माण करेगा इसके अलावा अगर विधानसभा में कोई है बिल आता है तो उसका व समर्थन करेगा और बिल के संबंध में वह सवाल पूछ सकता है।
- MLA अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में अपने क्षेत्र के समस्याओं का समाधान करेगा।
- विधायक कैबिनेट मंत्री, मंत्री या विपक्षी आलोचक को निश्चित करने का काम करता है।
- MLA को सदन में प्रश्न पूछना और उत्तर देना पड़ता है |
- भारत के राज्य व्यवस्था में एक विधायक को अपने क्षेत्र में अपना कार्यालय खुलने का अधिकार है ताकि वह आपने हलके के लोगो से मिल सके।
- विधायक निधि द्वारा विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र का विकास करता है।
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विधायक(MLA) और सांसद(MP) में अंतर- Sansad aur Vidhayak mein Antar
MP | MLA |
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सांसद लोकसभा का सदस्य होता है जो देश का केंद्रीय सरकार संचालित करता है | विधायक विधान सभा का सदस्य होता है इसके द्वारा ही राज्य स्तर कहा सरकार संचालित होता है |
सांसद का चयन लोकसभा चुनाव के द्वारा किया जाता है | विधायकों का चयन विधानसभा के चुनाव के द्वारा होता है |
सांसद हमेशा संसद का सदस्य होता है जिसे हम पार्लियामेंट भी कहते हैं जो तीन भाग में बटा होता है. पहला राष्ट्रपति, दूसरा राज्यसभा और तीसरा लोकसभा | विधायक विधानसभा का सदस्य होता है और विधानसभा हर राज्य की अलग अलग होती है. |
सांसदों का चयन देश के सभी भागों से किया जाता है | विधायकों का चयन राज्य के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से किया जाता है |
सांसदों के पास असीम शक्तियां होती हैं | विधायकों के पास जो शक्तियां होती है वो राज्य के स्तर तक ही सीमित होती है I |
MLA चुने जाने के लिए न्यूनत्तम उम्र 25 वर्ष होती है। | एमएलसी चुने जाने की न्यूनत्तम उम्र 30 साल होती है। |
MP Election को प्रधानमंत्री इलेक्शन भी कहते है। | MLA Election को मुख्यमंत्री इलेक्शन कहा जाता है । |
सवाल जवाब (FAQ)
MP को सांसद कहते है ।
Member of Parliament
MLA को विधायक कहते है।
Members of Legislative Assembly
जिस पार्टी के राजय में सबसे ज्यादा विधायक जीतते है
जिस पार्टी के राजय सभा में सबसे ज्यादा MP या सपोर्टर होते है।
निष्कर्ष
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको अब बार बार सुनंने वाले शब्द संसद जी , विधायक जी के पता लग गया होगा । यहां पर आपको यह भी पता लग गया होगा के दोनों कितने अलग अलग है । Sansad aur Vidhayak mein Antar क्या है ? सांसद को MP कहते है और विधायक को MLA कहते है । दोनों को पोजीशन और पावर भी अलग अलग है। MP and MLA me antr kya hai के बारे में विस्तार से बताया है । अगर आपका कोई अन्य सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है। हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे। धन्यावाद।
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