इस त्योहारी सीजन में गिफ्ट्स का लेन-देन आपकी जेब का बोझ बढ़ा सकता है यहां कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं जिससे इस बोझ को कम किया जा सकता है. इस खबर में आप खासतौर पर जानेंगे कि गिफ्ट पर टैक्स लगने के क्या नियम हैं.
त्योहारों के खास मौके पर गिफ्ट का लेन-देन खूब किया जाता है. कई बार ये किसी सामान के रूप में होता है तो कभी नकदी के रूप में होता है.पर गिफ्ट पर लगने वाला टैक्स इसकी कीमत पर डिपेंड करता है।
इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारी को 5 हजार रुपये तक का गिफ्ट देती है तो उन पैसों पर कोई टैक्स नहीं लगता है. यह नियम सिर्फ एक फाइनेंशियल ईयर के लिए लागू होता है.
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 56(2) में गिफ्ट पर टैक्स से जुड़े नियमों की जानकारी दी गई है. अगर एक साल में 5,000 रुपये से ज्यादा की राशि कर्मचारी कंपनी से पाता है तो उस पर कर्मचारी को टैक्स देना होता है. इस राशि को गिफ्ट के बजाय सैलरी में जोड़ दिया जाता है.
आपको जानकर हैरानी होगा कि टैक्स नियमों में रिश्तेदारों की परिभाषा बताई गई. अगर आपका कोई रिश्तेदार उस परिभाषा में फिट बैठता है तो उसके द्वारा दिया गया कितना भी महंगा गिफ्ट टैक्स के दायरे से बाहर होगा. आपको बता दें कि इस कैटेगरी में माता, पिता, भाई, बहन और पति या पत्नी ही आते हैं.
दोस्तों से मिलने वाला गिफ्ट 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' के कैटेगरी में आता है. एक साल में इसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये तक है. उससे ऊपर की राशि के लिए आपको टैक्स भरना पड़ेगा.
अगर किसी ने आपको मंहगा गिफ्ट या पैसे के रूप में गिफ्ट देकर आपके ITR में add किया है तो आपको भी लाजमी उस Gift को अपने ITR में ऐड करना होगा। नहीं तो आपको Income Tax का Notice मिल सकता ह।