[DEVELOPER_NINJA_SIMPLE_CALCULATOR amount=100000 time=10 rate=12 title=”Simple Interest Calculator”]
दोस्तों , आपने वीआज पे पैसे के लें देना के बारे में तो बहुत सुना होगा । पर असल में वीआज कैसे कैलकुलेट होता है ? इसके बारे में बहुत ही काम लोगो को पता है । यह पर हम आपको Simple और Compund viaaj kaise nikale के बारे में बताने जा रहे है ।Simple Interest Calculater in hindi
Simple Interest का मतलब होता है Normal viaaj के एक बारे पैसे दिए तो उसको कितने समय के लिए और कितने % रुपए के हिसाब से interst पर दे रहे है ।
जब पुरे समाज के लिए मूलधन एक ही रहे और उस पर ही वीआज लगे उसको साधारण ब्याज साधारण कहते है ।
जो पैसा किसी की ऋण के रूप में दिया जाता है उसको ही मूलधन कहते है । जो के main amount होता है । यह अमाउंट 100 रुपए से लेकर लाखो – करोड़ो तक की कितनी भी हो सकती है ।
जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति या किसी अन्य बैंक से धन उधार लेता है, तो वह किराया जो उसे किसी अन्य व्यक्ति या किसी अन्य बैंक के धन से चुकाना पड़ता है, ब्याज कहलाता है। उधार ली गई राशि को इक्विटी कहा जाता है और मूलधन और ब्याज की राशि को चक्रवृद्धि कहा जाता है। प्रति सैकड़ा पर निर्धारित अवधि में मिलने वाले ब्याज को ब्याज की दर कहते हैं।
12% का 1 रुपए प्रति सैकड़ा ब्याज दर बनता है । इसी प्रकार 15% का सवा रुपए ब्याज और 18% का 1.5 रुपए प्रति सैकड़ा ब्याज दर बनता है
यह टाइम की भी कोई लिमिट नहीं है । यह 1 महीने से लेकर सालो तक कितना भी हो सकता है । Simple interest formula में वर्षो के हिसाब से बनता है । 1/12 मतलब एक वर्ष count होता है ।
मूलधन :- 1000 रुपए
टाइम :- 1 वर्ष
ब्याज दर : 12%
Note:- साधारण ब्याज के संकेत अर्थ
I = Interest (ब्याज)
P = Principal (मूलधन)
R = Rate of Interest ( ब्याज दर)
T = Time (समय)
A = Amount ( मिश्रधन)
साधारण ब्याज = मिश्रधन – मूलधन अर्थात I = A – P मूलधन = मिश्रधन – साधरण ब्याज अर्थात P = A – I मूलधन = साधारण ब्याज × 100 / समय × ब्याज की दर अर्थात P = (I × 100) / R × T मिश्रधन = मूलधन + साधरण ब्याज अर्थात A = P + I मिश्रधन = मूलधन × (100 + ब्याज की दर समय) अर्थात A = P × (100 + R) ब्याज की दर = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × समय अर्थात, R = (I × 100) / (P × T) समय = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × ब्याज की दर अर्थात, T = (I × 100) / (P × R)
साधारण ब्याज उस ब्याज को संदर्भित करता है जिसकी गणना मूल राशि के प्रतिशत के रूप में की जाती है। चक्रवृद्धि ब्याज मूलधन और अर्जित ब्याज को जोड़ के बनता है ।
मूलधन x दर x समय / 100
मूलधन + ब्याज
हम साधारण ब्याज को हिंदी भाषा में “साधारण रुचि” कहते हैं। जिसका उपयोग हम उस ब्याज को जानने के लिए करते हैं जो एक निश्चित अवधि में लिया जाता है। जैसे के 100 रुपए का 1 वर्ष के लिए 12% के हिसाब से 12 रुपए बयाज बनता है ।