Ponzi Scheme kya hoti hai in Hindi :- हेलो दोस्तों , पैसा किसे नहीं चाहिए । और जिसके पास है वह भी इसको और बढ़ाना चाहता है । अच्छी बात है अपर इसको जल्दी बढ़ाने के चक्कर में लालच में आ के आपने पैसा गवा देने उससे भी बुरी बात है । तो लोगो इस लिए कुछ जल्दी पैसा बढ़ाने वाली Ponzi Schemes me paisa invest करते है । जो के बहुत ही Riski investment hota hai . जिसके चलते सारा का सारा पैसा दुब जाता है और लोगो को बाहर देर बाद पता चलता है के उनके साथ धोखा हुआ है । इसकी के चलते यह पर हम Ponzi Schemes kya hai ? Ponzi Scheme kaise kam krti hai ? Indian Law and Rules for Ponzi Scheme अदि के बारे में पूरी विस्तार से चर्चा करेंगे । Ponzi Schemes In India: A Brief Overview Of The Regulatory Landscape के बारे में पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक धयान से पढ़े ।
Ponzi Scheme आपके लिए लुभाने वाले offer लेकर आती है । जो के एक तरह से धोखाधड़ीपूर्ण निवेश घोटाला scheme होती है । जिसमे लोगो के साथ Low investment and Low risk के साथ High Return का वादा किया जाता है ।
इसमें पहले के निवेशकों के भुगतान के लिए नए निवेशकों के फंड का उपयोग किया जाता है । जिसके चलते इसको देख के और लोग अदि अमाउंट और थोड़े थोड़े अपनी बचत के पैसे इन Ponzi Scheme me invest करने लगते है । जैसे ही नए निवेशकों की तादाद बाद जाती है और रिटर्न के पैसे नहीं बचते तो यह स्कीम बाद हो जाती है । जिसके चलते बहुत से लोगो के पैसे इन Ponzi scheme me fas जाते है । अंत लोगो को पता लगता है के उसकी Ponzi Scheme company paise lekar भाग गयी है और उनके साथ धोखा हुआ है । देश में बहुत से Ponzi Scheme ke startup हुए और सभी भाग गए ।
“पोंजी स्कीम” शब्द 1919 में चार्ल्स पोंजी नाम के एक ठग के नाम पर रखा गया था। इस प्रकार के Ponzi Investment का पहला उदाहरण 1800 वी शताब्दी में मिलता है । जब चार्ल्स पोंजी की मूल योजना संयुक्त राज्य डाक सेवा पर केंद्रित थी।उन्होंने दावा किया कि वह अंतरराष्ट्रीय डाक-उत्तर कूपन खरीदने और फिर से बेचने की एक विचित्र योजना के माध्यम से 90 दिनों में निवेशकों के पैसे को दोगुना कर देंगे। पोंजी ने योजना के ध्वस्त होने से पहले, केवल सात महीनों में लगभग 30,000 निवेशकों से $8 मिलियन से अधिक एकत्र किए। जिसके चलते धोखाधड़ी करने के मामले में उनको 14 वर्ष की जेल की सजा हुई । Ponzi Scheme kya hoti hai in Hindi
पोंजी स्कीम एक निवेश फंड है जो अपने ग्राहकों को बिना किसी जोखिम के शानदार रिटर्न का वादा करता है। इस नई आय का उपयोग मूल निवेशकों को आपके रिटर्न का भुगतान करने के लिए किया जाता है, जिन्हें वैध लेनदेन से लाभ के रूप में पहचाना जाता है। पोंजी योजनाएं पुराने निवेशकों को रिटर्न प्रदान करना जारी रखने के लिए नए निवेश के निरंतर प्रवाह पर निर्भर करती हैं। जब वह बॉक्स खत्म हो जाता है, तो योजना ख़तम हो जाती है। Ponzi Scheme kya hoti hai in Hindi आपको समझ में आ रहा होगा ।
Ponzi Schemes में केवल एक “आधिकारिक” प्रमोटर होता है। दोनों कपटपूर्ण निवेश योजनाएं हैं जिनमें वादा की गई पूंजी पर अवास्तविक रिटर्न है, लाभांश पुनर्निवेश को सक्रिय और सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करते हैं, और मौजूदा निवेशक दायित्वों को पूरा करने के लिए नए निवेशकों पर भरोसा करते हैं। सबसे निराशाजनक बात यह है कि दोनों हमेशा के लिए दिवालिया हो चुके हैं। Ponzi Scheme kya hoti hai in Hindi
Network Schemes में आम तौर पर वह स्तर शामिल होता है जिस पर कोई उत्पाद अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचता है। तो पिरामिड योजना का मुख्य तत्व उपभोक्ताओं को वास्तविक बिक्री के बजाय कमीशन के बदले नए सदस्यों की भर्ती का एक व्यापक कार्यक्रम है। Network Scheme में जितने ज्यादा लोग आपने आपने निचे जोड़ते जाएगी उतना हो आपको commission मिलता जाएगा । इसके इलावा आपने जोड़े लोग भी जितने और आदमी जोड़ते जाएगी आपका कमिशन और बढ़ता जाएगा ।
Investment companies के रातो रत गायब होने और लोगो को High Return का लालच देकर उनके खून पसीने की कमाई लेकर भाग जाती है । जिसके चलते भारत सर्कार ने इसके लिए बहुत से कड़े कानून बनाए है ।
हालांकि इसके बाद भी पोंजी स्कीम के तहत लोगों को ठगा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आम जनता के लिए पोंजी योजनाओं की पहचान करना आसान नहीं है। कोई स्थापित मानदंड नहीं है जिसके आधार पर पोंजी योजना को तुरंत निर्धारित किया जा सकता है। लेकिन अगर आप किसी भी निवेश योजना में निवेश करने से पहले सावधानीपूर्वक शोध करते हैं, तो आपके लिए इन नकली योजनाओं का पता लगाना मुश्किल नहीं होगा।
रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक कोई भी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) जमा पर सालाना 12.5 फीसदी से ज्यादा ब्याज नहीं दे सकती है। ऐसे में अगर कोई कंपनी आपको ज्यादा रिटर्न देकर गुमराह करती है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। आमतौर पर पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनियां शॉर्ट टर्म रिटर्न के 15 फीसदी से ज्यादा का वादा करती हैं। पहले आप राशि देते हैं, और फिर जमा राशि रातोंरात गायब हो जाती है।
पोंजी स्कीम, पिरामिड स्कीम, मल्टी-लेवल मार्केटिंग या नेटवर्क मार्केटिंग केवल नाम में भिन्न हो सकती है, लेकिन यह एक सुनियोजित प्रकार का कॉर्पोरेट फ्रॉड मॉडल है। इसमें पहले लोगों को पैसा निवेश करने के लिए लाभदायक ऑफर मिलते हैं। प्रारंभिक अवधि में उन्हें कुछ लाभ या बोनस भी दिया जाता है। उसके बाद, वे एजेंट बनने और कमीशन में भारी पैसा कमाने के लिए आकर्षित होते हैं। पुराने निवेशकों को नए निवेशकों द्वारा मूल्यवान समय की अवधि में भुगतान किया जाता है। लेकिन जैसे-जैसे पूर्व निवेशकों का भुगतान का बोझ बढ़ता है, वे पूरी राशि लेकर भाग जाते हैं।
बैंक अधिनियम के अनुसार, सरकार बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि की गारंटी लेती है। यह भी पहले 1 लाख रुपये था। इसके अलावा कोई भी ऐसा व्यवसाय नहीं है जिसमें हानि न होने की कोई गारंटी हो। ऐसे में अगर कोई आपको ज्यादा रिटर्न की गारंटी देता है और दूसरी तरफ निवेश डूबेगा नहीं तो सावधान हो जाएं।
पोंजी योजनाओं में शामिल ज्यादातर कंपनियां निवेशकों को शामिल करने के लिए भेड़-बकरियों , सोने के खनन के काम और सस्ते में बंजर जमीन खरीदना और उसमें पेड़ लगाना एक, दो या पांच साल में आपकी आमदनी को दोगुना नहीं करता है। भेड़ और बकरी के व्यापार के बारे में भी यही सच है, भले ही इसमें महंगे मांस या ऊन का निर्यात शामिल हो। आपको लगता है इन कामो में 1-6 महीने में ही पैसा दोगुना हो जाएगा । अगर आपका दिल यह कहते है के यह संभव ही नहीं तो समझ ले के यह एक Ponzi Scheme है यह आपका पैसा डूब सकता है । अगर आपको रिस्क से खेलने की डाल है तो आप Share market me invest कर सकते है । यहां आप आपने पैसे के साथ आपने डैम पर खेलते और कमाते हो ।
कई कंपनियां रिजर्व बैंक, बाजार नियामक प्राधिकरण सेबी, आईआरडीए और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की कंपनी रजिस्ट्री के साथ पंजीकृत हैं। ट्रेडिंग की अनुमति केवल नियामक अधिकारियों की मंजूरी के बाद ही दी जाती है। अगर कोई investment company scheme आपको SEBI , RBI या किसी अधिकृत सरकारी एजेंसी के इलावा किसी और के साथ पंजीकृत बताता है तो संभल जाए यह Ponzi Scheme ही है । आप अच्छे से आपने पैसे को Grow krne ke लिए Mutual Fund me invest kar सकते है ।
इंटरनेट के दौर में भी इन कंपनियों के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है। अगर कोई निवेशक ऐसी कंपनियों के बारे में गूगल या फिर अन्य किसी स्त्रोत से पता करना चाहेगा, तो मुश्किल से जानकारी हासिल होगी। हालांकि फ्रॉड दिखाने से बचने के लिए कंपनियां अपनी वेबसाइट बना लेती हैं, जो कि काफी सरल काम होता है। इनके द्वारा मिलने वाले रिटर्न के बारे में ज्यादा जानकारी मिलती है।
पोंजी योजना एक निवेश धोखाधड़ी है जो मौजूदा निवेशकों को नए निवेशकों से एकत्रित धन के साथ भुगतान करती है। पोंजी योजना के आयोजक अक्सर आपके पैसे का निवेश करने और कम या बिना जोखिम के उच्च रिटर्न उत्पन्न करने का वादा करते हैं। इसके बजाय, वे इसका उपयोग उन लोगों को भुगतान करने के लिए करते हैं जिन्होंने पहले निवेश किया था और कुछ अपने लिए रख सकते हैं। जैसे जैसे इसमें ज्यादा लोग जुड़ते जाते है यह रिटर्न देने में असमर्थ हो जाते है और लोगो के पैसे लेकर गयाब हो जाते है ।
वैसे तो इसकी कोई ग्रुंटी नहीं होती है । पर अगर बहुत से लोगो के साथ ऐसा देखा होता है तो सर्कार इस पर करवाई करती है । पर फिर भी आप आपने लेवल पर किसी भी स्कीम में पैसा लगाने से पहले proper check कर ले ।
वैसे तो crypto currency के लिए भारत में कोई कानून नहीं है । आप इसके लिए फिर भी Police complaint कर सकते है । जल्द ही Crypto currency ko regulate करने के लिए कानून आने वाला है ।
सर्कार इसके लिए जिमेवार नहीं हो सकती क्योके सर्कार ने सभी investment companies के लिए कुछ कानून बना रखे है जिसके अंतर्गत इन Investment aur chit fund companies को रजिस्टर करना अनिवार्या है । अगर कोई इसके बिना रजिस्टर की Ponzi scheme company me paisa lgata है तो यह उसकी गलती है ।
हाँ आप पुलिस कंप्लेंट कर सकते है ।
2000 के आसपास उन्होंने जो लैंड बैंक बनाया, वह उनकी पोंजी योजना में शुरुआती ग्राहकों को लुभाने के लिए उत्प्रेरक बन गया। देबजानी मुखर्जी सारदा समूह के कार्यकारी निदेशकों में से एक थे जो समूह की ओर से चेक पर हस्ताक्षर कर सकते थे।
Serious Fraud Investigation Office (SFIO) जांच के निष्कर्ष पर केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। केंद्र सरकार एसएफआईओ को कंपनी के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दे सकती है।
चार्ल्स पोंज़िक
“पोंजी स्कीम” शब्द 1920 में चार्ल्स पोंजी नाम के एक ठग के नाम पर गढ़ा गया था। हालांकि, इस तरह के निवेश घोटाले के पहले दर्ज उदाहरणों का पता 1800 के दशक के मध्य से लगाया जा सकता है, और जर्मनी में एडेल स्पिट्जर द्वारा ऑर्केस्ट्रेटेड किया गया था। और संयुक्त राज्य अमेरिका में सारा होवे।
हम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Ponzi Schemes kya hoti hai ? पोंज़ी स्कीम कैसे काम करती है । कौन सी स्कीम Ponzi scheme hai kaise check kre ? Ponzi Scheme disadvantage ? Why Ponzi Scheme are fraud to people ? Ponzi Scheme kya hoti hai in Hindi आदि के बारे में विस्तार से जानकारी मिल गया होगा । आप अपने सवाल और सुझाव निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे ।
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